Raj Comics Set 7 of 2014 Complete Details
Detailed Info:-
Sarvsanhar (Sarvnayak)
Format: Printed
Issue No: SPCL-2576-H
Issue No: SPCL-2576-H
Language: Hindi
Author: Nitin Mishra
Penciler: Sushant Panda
Inker: Vinod Kumar,Jagdish Kumar
Colorist: Shadab Siddiqui,BasantPanda,Bhak
Pages: 96
Price: Rs 90.00
Price: Rs 90.00
सतयुग, त्रेतायुग, द्वापरयुग और कलियुग के सभी महानायक अपनी जान पर खेल कर मानवता पर मंडरा रहे भयानक खतरे से जूझ रहे हैं! उनके युग लगा दिए गए हैं दांव पे! शुरू हो चुकी हैं खूनी प्रतिस्पर्धाएं! जो जीतेगा उसका ही युग ब्रह्मांड में अस्तित्व में रहेगा, जो हारेगा उसका युग हमेशा के लिए मिटा दिया जाएगा! रक्षक ही लड़ रहे हैं रक्षक से! इन खूनी लड़ाइयों के विजेता ही बचा पाएंगे अपने लोगों और अपने युग को! दो दल बनाए गए हैं पूर्वकाल और पश्चातकाल! अब तक प्रचंडा और तिलिस्मदेव के मुकाबले परमाणु और शक्ति ने अपनी-अपनी सपर्धाएं जीत कर अपने दल पश्चातकाल को बढ़त दिला रखी है! पूर्वकाल दल शून्य के मुकाबले दो अंक से पिछड़ रहा है! और अब मैदान में उतरे हैं तिरंगा और शुक्राल! क्या देशभक्त डिटेक्टिव तिरंगा भी अपने दल की बढ़त बनाने में कामयाब रहेगा या इस बार बुद्धि का बाहुबली शुक्राल बाजी मार ले जाएगा? पल प्रतिपल बेहद रोचक और अति रोमांचक बनता जा रहा है समय के सारथि युगम का रचा यह अनोखा ‘एक युद्ध- एक युग’ नामक रहस्यमयी महारण!
Hunters (Baalcharit)
Format: Printed
Issue No: SPCL-2553-H
Language: Hindi
Author: Jolly Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Vinod Kumar
Colorist:
Pages: 96
Price: Rs 90.00
आग यादों को नहीं जला सकतीं, लेकिन यादें सब कुछ स्वाहा कर सकती हैं! जुपिटर सर्कस के स्वाहा होने के वर्षों बाद उसकी यादें वापस आ गईं हैं! वे यादें जिनसे ध्रुव अनजान है! ये यादें जला डालेंगी उसका परिवार, उसके मित्र, उसके सहयोगी, उसका संसार और फिर खुद ध्रुव को! पर क्यों? यह या तो भगवान जानता है और या फिर गुप्त और ‘महाशक्तिशाली हत्यारों’ का सदियों पुराना सगठन! रहस्यों की परतें छिलेंगी, उधडेंगी और उनसे निकलेंगी भंभोड़कर रख देने वाली सच्चाई, जब खोला जाएगा ध्रुव का बालचरित!
Parmanu Digest 08
or
Ab Marega Parmanu
Format: Printed
Issue No: DGST-0097-H
Language: Hindi
Author: Haneef Ajhar
Penciler: Manu
Inker: Manu
Colorist: N/a
Pages: 206
Price:
Rs 160.00
Rs 160.00
अंगार-629 परमाणु का सामना है इस बार एक ऐसे खतरनाक दुश्मन से जो चलती फिरती भट्ठी है। वो अपने सामने पड़ने वाली हर चीज जला कर खाक कर देता है। क्या परमाणु इस अंगार नाम की इस दहकती भट्ठी को बुझा पाएगा या दहकती मौत का शिकार हो जाएगा।
गुणाकर-638 गुणाकर जो अपने नाम के अनुरूप खुद को गुणा कर सैकड़ों रूप बना सकता है। और जब परमाणु उसे रोकने पहुंचा तो गुणाकर के रूपों ने उसे जकड़ लिया और मौत तेजी से उसे कुचलने के लिए आगे बढ़ने लगी क्या परमाणु अपनी इस निश्चित मौत को टाल पाया।
शिकार-647 दिल्ली में आतंक मचाने आ गई खूंखार हायना। रोजाना मिलने लगी दिल्ली की सड़कों पर नुची फटी लाशें। और जब परमाणु इस रहस्य की तह तक पहुंचा तो उसे लगा अपनी जिंदगी का सबसे बड़ा झटका। कौन थी यह हायना। क्या परमाणु खुद को बचा पाया होने से इसका शिकर।
फंदेबाज-652 फंदेबाज जोकि कानून के रक्षकों का जानी दुश्मन है। एक-एक करके उनको अपने फंदों में लटका कर फांसी दे रहा है। और जब परमाणु उसे रोकने पहुंचा तो उसने परमाणु को भी अपने फंदों के जाल में फंसा दिया। क्या परमाणु मौत के इन फंदों से बच पाया? आखिर क्या दुश्मनी है फंदेबाज की कानून के रक्षकों से।
अब मरेगा परमाणु-59 एक मास्टरमाईंड ने परमाणु के सभी बड़े दुश्मनों अंगार, हायना, गुणाकर, फंदेबाज, टाइफून को किया इकट्ठा और बनायी सबसे बड़ी लूट की योजना। और जब परमाणु उसे रोकने पहुंचा तो वो खुद फंस गया उनके द्वारा बिछाए गये मौत के जाल में। तो क्या अब सचमुच मरेगा परमाणु?
Dhruva Digest 09
Format: Printed
Issue No: DGST-0096-H
Language: Hindi
Author: Anupam Sinha
Penciler: Anupam Sinha
Inker: Anupam Sinha
Colorist: N/A
Pages: 256
Price:
Rs 200.00
Rs 200.00
ग्रेंड मास्टर रोबो-0002 राजनगर के समुद्री तट पर हुआ एक परमाणु परिक्षण। और फिर राजनगर पर हुआ एक अग्नि दानव अग्निमुख का हमला। ध्रुव जब इस रहस्य की तलाश में निकला तो उसका सामना हुआ अपने सबसे बड़े और खतरनाक दुश्मन ग्रेंमास्टर रोबो से। क्या हुआ इस टकराव का अंजाम।
आवाज की तबाही-0006 ध्रुव का सामना हुआ इस बार एक खतरनाक दुश्मन ध्वनिराज से जिसने ध्वनि को ही अपना हथियार बना लिया और पूरे राजनगर को अपनी सोनिक तोप के निशाने पर ले लिया है। क्या ध्रुव ध्वनिराज के आतंक को रोक पाएगा या हो जाएगा उसकी आवाज की तबाही का शिकार।
खूनी खिलौने-0007 एक खतरनाक बौना, बौना वामन जिसने खिलौनों को ही बना लिया है अपना हथियार। उसे तलाश है ध्रुव के पुतलों की। और जब ध्रुव ने उसे रोकने की कोशिश की तो उसने ध्रुव की दोस्त चंडिका और नताशा को ही खड़ा कर दिया ध्रुव के खिलाफ। क्या ध्रुव बौना वामन को पकड़ पाया या बन गया उसके खूनी खिलोनों का शिकार।
किरीगी का कहर-0010 सा-सुंग का लाल हीरा चोरी करवाया राक्षसों के आखिरी वंशज चंडकाल ने। जिसके कारण वर्षों की समाधि से बाहर आ गया हीरे का रक्षक निंजा किरिगी जो अंजाने में ध्रुव को इस कृत्य का दोषी समझ बैठा और निकल पड़ा ध्रुव को दंड देने। क्या ध्रुव निंजा किरीगी की यौगिक शक्तियों के सामने ठहर पाया या हो गया वो किरीगी के कहर का शिकार।
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