Review - Aakhiri Rakshak | Aakhiri Series
Your Ratings:RC Official Rating: N/A
Format: Printed
Issue No: SPCL-2590-H
Language: Hindi
Author: Nitin Mishra
Penciler: Dheeraj Verma
Colorist: Bhakt Ranjan
Pages: 32
Price: Rs 40.00
No animals-humans and nor universe protectors!
No more life on Earth!
The Last Survivors Dhruv and Parmanu!
Is this some Alien attack?
Or a conspiracy?
Yes I'm talking about Raj comics latest Multistar Issue "Aakhiri Rakshak".
And I believe that it's very hard to judge or evaluate an incomplete comic. Here incomplete comic means which have a second part.
Aakhiri Rakshak is the beginning of another great series by Raj Comics. As the name itself telling the story. The story is full of suspense. Not much to tell about the comic. The only two Survivors on the earth and both were trying to locate the mankind?
Strong Aspects of The Comic:
- The story is quite mysterious and strong. Who read this comic is definitely want to read the next part.
- The comic has a good reason for every special thing nothing is unnecessarily done which seems odd (Such as Parmanu flying at the speed of light and be transmitted over long distances).
Weak Aspects of The Comic:
- As per my knowledge this multistar comic has the lowest number of pages so far. It's very difficult to complete a comic in 32 pages and this one is a multistar with 24 pages. I had just started reading and was reached to the final page. It seems am reading ad pages instead of a comic. I am sure readers will not like to have very low number of pages in the comic.
- Artwork is very weak, it seems that the comic has created in a hurry. Artwork could be a bit better. Considering Raj Comics current team and queued upcoming comics I am satisfied with this one.
Now waiting for the next part "Parkalon Ki Dharti" and expected to be at least 60 pages. Hope Dhruv and Parmanu will get some company. I mean, entry of the rest of Universe defenders(Brahmand Rakshak).
Review Parkalon Ki Dharti - Aakhiri Rakshark 2 Raj Comics
समीक्षा आखिरी रक्षक
न कोई जीव-जंतु, न कोई मानव और न ही ब्रह्माण्ड रक्षक!
पृथ्वी से जीवन हो चुका है लुप्त!
बचे हैं तो बस ध्रुव और परमाणु!
क्या ये कोई परग्रही हमला है?
या फिर कोई साजिश?
में बात कर रहा हूँ राज कॉमिक्स की नवीनतम पेशकश "आखिरी रक्षक" की और मेरा मानना है की एक अधूरी कॉमिक का मूल्यांकन करना थोड़ा मुश्किल काम है। यहाँ "अधूरी कॉमिक" से मेरा अभिप्राय है, जो एक से अधिक भागों में हो।
आखिरी रक्षक, राज कॉमिक्स द्वारा एक और बेहतरीन श्रृंखला की शुरुआत है। आखिरी रक्षक जैसा की नाम खुद कहानी बयां कर रहा है। कहानी में काफी सस्पेंस है। कहने और बताने के लिए कुछ ख़ास नहीं है। केवल 2 लोग बचे हैं पृथ्वी पर और दोनों जुटे हैं पता लगाने में की कहाँ गए सब के सब? कैसे हो गई सारी धरती मानव-रहित?
सकारात्मक पक्ष:
- कहानी की काफी रहस्य्मयी और दमदार है। जो भी इस कॉमिक को पढ़ेगा निश्चित है की इसका अगला भाग ज़रूर खरीदना चाहेगा.
- कॉमिक में हर बात के लिए एक उम्दा वजह दि गई है कुछ भी बेवजह नहीं है, जो की अटपटा लगे (परमाणु का प्रकाश गति से उड़ना, अधिक दूरी तक ट्रांस्मिट होना बगैरह)।
कमजोर पक्ष:
- जहाँ तक में जनता हूँ ये अब तक की सबसे कम पृष्ठों की मल्टीस्टार होगी। एक नार्मल कॉमिक्स भी 32 पृष्ठों में मुश्किल से पूरी हो पाती है और ये मल्टीस्टार कॉमिक केवल 24 पृष्ठों की है। अभी पढ़ना शुरू ही किया था की अंतिम पृष्ठ पर पहुँच गया। ऐसा लगा मानो कॉमिक नहीं विज्ञापन पृष्ठ पढ़ा हो। निश्चित है की पाठकों को इस कॉमिक में काम पृष्ठों का होना पसंद नहीं आएगा।
- आर्टवर्क काफी कमजोर है, ऐसा लगता है की आनन-फानन में कॉमिक को बनाया गया है। आर्टवर्क थोड़ा और बेहतर हो सकता था पर चलेगा। राज कॉमिक्स की मोजुदा टीम और कतार में लगी आगामी कॉमिक्स को देखते हुए में इस से संतुष्ट हूँ।
अब इन्तजार है अगले भाग यानि "परकालों की धरती" का और उम्मीद है की वह कम से कम 60 पृष्ठों से अधिक हो। ध्रुव और परमाणु को थोड़ी सी कंपनी मिले। मेरा अभिप्राय बाकि ब्रह्माण्ड रक्षकों से है।
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