Review -Parkalon Ki Dharti | Aakhiri Series
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RC Official Rating: N/A
Issue No: SPCL-2592-H
Language: Hindi
Author: Nitin Mishra
Penciler: Dheeraj Verma
Colorist: Bhakt Ranjan
Pages: 32 (25 Without ads)
Price: Rs 40.00
Lets start the Review of the Comics Parkalon Ki Dharti from Aakhiri Series by Raj Comics. Lets come to the story first,
Story Parkalon Ki Dharti
Scene 2: Chichen Itza Archaeological Site, Mexico - Chasing the signs of life energy Parmanu and Dhruv have come to Mexico (Read the previous part Aakhiri Rakshak). Here they see these life energy signs are coming from an alien tribe. Alien tribal attacked on Parmanu and Dhruv. Then several miles long Meteors are suddenly appear, which are rapidly moving towards the Earth. Alien Tribal is capitulating in front of these meteors. An alien is keeping an eye on this whole incident. Parmanu tries to prevent the meteors, but this is not possible to stop all meteors together. Dhruv who is still present on the earth have a plan on his mind. Now the only question how he tells this to Parmanu. Dhruv was just thinking that, suddenly his mental contact established with Parmanu. Working on Dhruv's plan Parmanu destroys all meteors. But before reaching the earth Parmanu becomes unconscious and hits the earth's surface. And he bounces like he is falls on a mattress. How it happened, Dhruv was thinking of this suddenly he hears a voice,"If I do not do that, nothing happens to survivor (Uttarjeevi/Parmanu). But around here thousands square kilometers area gets devastated by the explosion." She tells Dhruv that her name is Kara and she's the only person in the whole universe who can out them from this difficult situation. And this situation has arisen because of Dhruv and the Survivor. She tells that Dhruv and Parmanu tampered with a supernatural energy and humans do not have the ability to handle it. Because of their foolishness that supernatural energy has been uncontrolled and generates the situation of cosmic imbalance. The way transfer of aliens is happening on the Earth, same way the transfer of the people of Earth is also happening on the other planets.
Scene 3: A planet of Other Galaxy - Doga and Steel encountering Advanced Combat Aliens Force. Aliens Advanced Combat Force armed with sophisticated weapons has been facing Doga and steel with great difficulties. Reason is Doga and steel are using ammunition. A weapon like ammunition is a very old method for these aliens and is over from their planet. Despite such advances in technology these Aliens never thought that someone will use the old weapons and those weapons would be disastrous for them. Now they are using only energy Weapons on their planet. That's why these aliens have been difficult to deal with Doga and Steel.
When the enemy came out stronger than expected, then the treaty is appropriate. With this thought, Aliens chief comes to Doga and Steel with the intention of treaty. He offers to treaty and promises not to attack any Earth people.
Story will be continued in the next part - Brahmaand Yoddha
What the both Bhediya and Shakti are surprised to see?
Who is kara? How does she know so much? And most important she is a friend or foe?
Ever the Earth people will be return back to their beloved home on Earth?
How can the universe warrior handle all these troubles and save the universe!!!
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Review Parkalon Ki Dharti:
Welcome to the world of Aliens. If you have not read the comic yet then please read carefully you may also transfer to another planet. The name of this comic should be "Universe Journey" instead of "Parkalon Ki Dharti". It is a journey of 3 planets in just 25 pages. Aakhiri series composed by Nitin Mishra, so far I did not feel anything special in this series. From Aakhiri series I did not expect this at all. Perhaps because of the comics of the series have fewer pages. The story, characters and the events are not being justice at all. Parkalon Ki Dharti, this comic is not absolutely the trademark of Raj Comics Publication. In this twenty-five pages comic, 4 kinds of alien species in different scenes were shown. Universe Protectors (Brahmaand Rakshak) in groups of two each on different planets are busy fighting the aliens. You can guess what's going on and how. The concept is good, perhaps imagination landing on the the papers is lacking something.About the artwork, it is disappointing except 2-4 scenes. Drawing is too much bad, 2 out of 5 from my side. There is nothing like the title cover within the comic.
Imagine, if this comic have 90 pages then the first three parts of the series Aakhiri Rakshak, Parkalon Ki Dharti and Brahmaand yoddha will be in a single issue. Then the status will be something different and it makes the value of the comic. It certainly would be better than now and liked more by the readers.
Minus Points of the Comic:
- The story is nothing special so far (or simply there is no story so far). Perhaps, Aliens seekers may prefer.
- Artwork is very weak and needs more effort. Especially drawing much more improvement is needed.
- Event in which Parmanu destroyed the meteors is mentioned in a complex way. It could be explained in a better and simpler way.
- If there is something entertaining in this comic that is only the star cast of the comic.
Plus Points of the Comic:
- Despite being of Dhruv and Doga, Parmanu liked to be in the lead role. Several times Parmanu falls faded opposite the powerful roles of Nagraj, Dhruv and Doga.
- Doga and Steel has forced the aliens armed with sophisticated weapons for treaty. The writer has given a suitable cause for this.
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कहानी परकलों की धरती :
दृश्य 1: किसी अन्य ग्रह पर - पृथ्वीवासी न जाने कैसे किसी अन्य ग्रह पर पहुँच गए है। उस ग्रह की सतह, पत्थर, चटानें आदि सब नीले हैं। तभी वह लोग देखते हैं की पृथ्वी के जानवरों का एक झुण्ड भी वहां मौजूद है और किसी चीज़ से डरकर भाग रहा है और वो चीज़ है एलियन डायनासोर्स। लोग अपनी जान बचाने के लिए इधर-उधर भागने लगते हैं। लेकिन नरभक्षी पेड़ और लताएं उन पर हमला कर देते हैं। तभी उनके लिए मसीहा बनकर वहां पहुँचता है जंगल का जल्लाद -भेड़िया। वो एलियन डायनासोर्स से भिड जाता है, लेकिन एलियन डायनासोर्स संख्या में बहुत अधिक हैं। भेड़िया के लिए उन्हें संभालना मुश्किल हो रहा था की तभी शक्ति भी वहां पहुँच जाती है। उस नीले ग्रह की सतह ठोस ऑक्सीजन कणों से बनी हुई है, जबकि उसका वायुमंडल जहरीली क्लोरीन गैस का बना है। धरती के गर्भ में जहाँ ऑक्सीजन अधिक मात्रा में मौजूद है वहां एलियन डायनासोर्स का दम घुटने लगता है। ये देख भेड़िया और शक्ति लोगों को धरती के गर्व में पहुँचाना शुरू कर देते हैं। इससे सुरक्षित जगह फिलहाल और कोई नहीं। तभी अचानक एलियन डायनासोर्स चिंघाड़-चिंघाड़ कर अपने मालिकों को पुकारने लगते हैं। उनके मालिकों को देख भेड़िया और शक्ति दोनो चौंक पड़ते हैं।दृश्य 2: चिचेन इट्ज़ा आर्कियोलॉजिकल साइट मैक्सिको - जीवन ऊर्जा के तीव्र संकेतों का पीछा करते हुए परमाणु और ध्रुव मैक्सिको आ पहुंचे हैं (पढ़ें पिछला भाग आखिरी रक्षक)। यहाँ आकर वो देखते हैं की जीवन ऊर्जा के ये संकेत परग्रही आदिवासी कबीले से आ रहे हैं। वो परग्रही आदिवासी परमाणु और ध्रुव को देखते ही उन पर हमला कर देते हैं। इससे पहले जिन एलियंस से ध्रुव और परमाणु टकराए थे उनकी तरह इन्हे पृथ्वी पर सांस लेने में कोई दिकत नहीं हो रही। तभी कई सो मील लम्बी उल्काएं अचानक से प्रकट हो जाती हैं, जोकि तेजी से पृथ्वी की तरफ बढ़ रही हैं। परग्रही आदिवासी इन उल्काओं के आगे नतमस्तक हो जाते हैं। इस सारे वाकया पर एक एलियन नजर रखे हुए है। परमाणु उल्काओं को रोकने की कोशिश करता है, लेकिन सभी उल्काओं को एक साथ रोकना संभव नहीं। ध्रुव जोकि नीचे पृथ्वी पर ही मौजूद है उसके दिमाग में एक योजना आती है। अब इस योजना को वह परमाणु को कैसे बताए, ध्रुव ये सोच ही रहा था की खुद-ब-खुद उसका मानसिक संपर्क परमाणु से स्थापित हो जाता है। ध्रुव की योजना पर कार्य करते हुए परमाणु उन सब उल्काओं को सूर्य के गुरुत्वाकर्षण में पहुंचा देता है। इससे पहले की सूर्य का गुरुत्वाकर्षण परमाणु को भी अपने और खींचे, परमाणु को वहां से निकलना है। परमाणु इसमें सफल हो जाता है लेकिन पृथ्वी की सतह पर पहुँचने से पूर्व ही वो बेहोश हो जाता है। परमाणु पृथ्वी की सतह से टकराकर ऐसे उछलता है जैसे को वो किसी गदेदार चीज़ पर गिरा हो। ये कैसे हुआ ध्रुव ये सोच ही रहा था की तभी एक आवाज गूंजती है,"अगर में ऐसा नहीं करती तो भी उत्तरजीवी का कुछ नहीं बिगड़ता लेकिन आस पास का हजारों वर्ग किलोमीटर का क्षेत्र विस्फोट से तबाह जरूर हो जाता"। वो ध्रुव को बताती है की उसका नाम कारा है और वो इस ब्रह्माण्ड की इकलोती ऐसी प्राणी है जो उन्हें इस मुश्किल से निकाल सकती है। वो मुश्किल जो उसने और उत्तरजीवी ने खड़ी की है। वो बताती है की ध्रुव और परमाणु ने एक ऐसी अलोकिक ऊर्जा के साथ छेड़-छाड़ की है जिसे संभाल पाने की क्षमता इंसाओं में नहीं। उनकी इस बेवकूफी की वजह से वह ऊर्जा अन्यंत्रित हो गयी है और ब्रह्मांडीय असंतुलन की स्तिथि उत्पन हो गयी है। जिस तरह से परग्रहिओं का स्थानांतरण पृथ्वी पर हो रहा है, ठीक वैसे ही पृथ्वीवासिओं का स्थानांतरण भी ब्रह्माण्ड के दूसरे ग्रहों पर हो रहा है।
दृश्य 3: दूसरी आकाशगंगा का एक ग्रह - डोगा और स्टील एलियंस एडवांस कॉम्बैट फ़ोर्स का मुकाबला कर रहें हैं। एलियंस एडवांस कॉम्बैट फ़ोर्स जोकि अत्याधुनिक हथियारों से लैस हैं डोगा और स्टील का सामना बड़ी मुश्किल से कर पा रही है। कारण है डोगा और स्टील गोली बारूद का प्रयोग कर रहे हैं। तकनीक में इतना आगे पहुँच जाने पर इन एलियंस ने कभी सोचा भी नहीं था की कोई इन पर पुराने हथियारों का प्रयोग करेगा और वो हथियार उनके लिए घातक सिद्ध होंगे। गोली बारूद जो की इन एलियंस के लिए एक बहुत ही पुरानी पद्धति के हथियार है और इनके ग्रह से लुप्त हो चुके है। अब उनके ग्रह पर हथियारों के रूप में अब केवल ऊर्जा का ही प्रयोग किया जाता है। जिसकी वजह से डोगा और स्टील एलियंस पर भारी पड़ रहे हैं।
जब क्षत्रु अपेक्षा से अधिक शक्तिशाली निकले तो संधि करना ही उचित होता है। इसी सोच के साथ एलियंस प्रमुख संधि के इरादे से डोगा और स्टील के पास पहुँचता है। वह किसी भी पृथ्वीवासी पर हमला न करने का वादा करता है और संधि का प्रस्ताव रखता है.
कहानी अगले भाग में जारी रहेगी - ब्रह्माण्ड योद्धा
भेड़िया और शक्ति दोनों क्या देख कर चौंक पड़ते हैं?
कारा कौन है, वो इतना सब कैसे जानती है और सबसे एहम वो दोस्त है या दुश्मन?
पृथ्वीवासी क्या अब कभी अपने प्यारे ग्रह पृथ्वी पर वापस लोट सकेंगे?
वह कैसे इन सब मुसीबतों को संभालेंगे और ब्रह्मांड को बचाकर खुद की सिद्ध कर पाएंगे ब्रह्माण्ड योद्धा !!!
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समीक्षा परकलों की धरती:
एलियंस की दुनिया में आपका स्वागत है। अगर ये कॉमिक अपने अभी तक नहीं पढ़ी तो ज़रा ध्यान से पढ़ें आपका भी किसी दूसरे ग्रह पर स्थानांतरण हो सकता है। परकालों की धरती नहीं इसका नाम ब्रह्माण्ड यात्रा होना चाहिए था। 25 पृष्ठों की कॉमिक में 3 ग्रहों की यात्रा हो गयी। नितिन मिश्रा जी द्वारा रचित ये श्रृंखला मुझे अभी तक ज़रा भी दमदार नहीं लगी। आखिरी श्रृंखला से मुझे ऐसी उम्मीद तो बिलकुल नहीं थी। वजह शायद इस श्रृंखला की कॉमिक्स में कम पृष्ठों का होना है। कहानी, किरदारों और घटनाओं के साथ बिलकुल भी इन्साफ नहीं हो पा रहा। परकालों की धरती, ये कॉमिक राज कॉमिक्स ट्रेडमार्क तो बिलकुल भी नहीं लगी। पचीस पृष्ठों की इस कॉमिक में अलग-अलग दृश्यों में 4 तरह की एलियन प्रजातियां दिखाई गयी हैं। ब्रह्माण्ड रक्षक दो-दो के गुटों में अलग-अलग दृश्यों या फिर कहूँ की अलग-अलग ग्रहों पर मोर्चा संभाले हुए हैं। आप अंदाजा लगा सकते हैं की क्या चल रहा होगा और किस तरह से। परिकल्पना बढ़िया है, पर शायद कागज पर उतारने में कुछ कमी रह गयी।आर्टवर्क की बात करूँ तो 2-4 दृश्यों को छोड़ कर बाकी निराशाजनक है। चित्रांकन बहुत जयादा ख़राब है, 5 में से 2 अंक मेरी तरफ से। मुख्यपृष्ठ जैसा कुछ भी कॉमिक के भीतर नहीं है।
अगर ये कॉमिक 90 पृष्ठों की होती तो इस श्रृंखला के पहले 3 भाग यानी आखिरी रक्षक, परकालों की धरती और ब्रह्माण्ड रक्षक एक ही कॉमिक में होते। तब स्तिथि कुछ ओर होती और कॉमिक का मूल्य अलग पड़ता। अभी के मूल्य से तो यकीनन बेहतर ही होता और कॉमिक पाठकों को ज़्यादा पसंद आती।
कॉमिक के निराशाजनक पहलु :-
- कहानी अब तक तो कुछ ख़ास नहीं (या यूँ कहिये की अब तक कोई कहानी है ही नहीं)। हाँ एलियंस के जिज्ञासुओं को पसंद आ सकती है।
- आर्टवर्क काफी कमजोर है और अधिक मेहनत की ज़रूरत है। खासकर चित्रांकन में बहुत अधिक सुधार की ज़रूरत है।
- परमाणु का उल्काओं को रोकना पेचीदा तरीके से बताया गया है। इसे बेहतर और सरल तरीके से बताया जा सकता था।
- मनोरंजन के नाम पर अगर इस कॉमिक में कुछ मौजूद है तो वो है इस कॉमिक की स्टारकास्ट।
कॉमिक के सकारात्मक पहलु :-
- ध्रुव और डोगा के होते हुए भी परमाणु का मुख्य किरदार में होना अच्छा लगा। कई बार नागराज, ध्रुव और डोगा की उपस्तिथि में परमाणु अपना प्रभाव नहीं छोड़ पाता।
- डोगा और स्टील का अत्याधुनिक हथियारों से लैस परग्रहिओं को संधि के लिए मजबूर करने का उपयुक्त कारण दिया गया है। उनके पुरानी पद्धति के हथियार यानी गोली बारूद।
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