Review - Doga Nyaay | Doga Unmoolan Series
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My Ratings: 3.5/5
RC Official Website Rating: N/A
Issue No: SPCL-2596-H
Language: Hindi
Author: Mandar Gangele, Sudeep Menon
Penciler: Dildeep Singh
Inker: Vinod Kumar, Ishwar Art
Colorist: Shadab Siddiqui
Pages: 32 (24 Without ads)
Price: Rs 40.00
Doga justice has not been showed anywhere in the comic, but injustice has happened definitely with Doga. Nirmulak attacked just 4 times and Doga rolled off. Then Lomadi had come to save him and takes him safely to the gym.
Story Doga Nyay:
Scene 1: Mumbai Police Headquarters, Commissioner Kamath's cabin - Police commissioner Kamath and inspector Teja are discussing about the sequent murders. Inspector Teja says that the people killed were older criminals, which now had left the crime. Yusuf Khan had given financial help to all of them to start a new life. Commissioner Kamath indicted Doga for all those sequent murders and orders Inspector Teja to arrest him at any cost. And allow Inspector Teja to call as much police force as he will require completing this task.
Scene 2: Elsewhere in Mumbai - After interrogating a culprit Doga knows that a criminal meeting is ongoing in the old telephone exchange. Doga reaches into the old telephone exchange and sees that Lomadi is also present there. Before Doga and Lomadi find out what’s going on, Inspector Teja arrived there with 6-7 constables to arresting Doga. Doga dodge the police and succeeds to escape, but gets injured badly. Then suddenly, another Doga comes in front of Doga. That duplicate Doga is responsible for the existing murders and Yusuf Khan's birthday party slaughtering. Duplicate Doga reveals his identity in front of real Doga and tells that he is Nirmulak. After a short debate both were clashed with each other. Nirmulak easily overcomes on injured Doga. Doga was right in front of his end, and then suddenly Lomadi comes between Doga and Nirmulak. Lomadi collides with Nirmulak and taught him a good lesson. Meanwhile, Nirmulak heard the sound of police sirens and escapes from there. Lomadi tries to help Doga but Doga becomes unconscious.
Scene 3: Lion Gym - Somehow Lomadi brings unconscious Doga to the Lion Gym. Adrak chacha come to the washroom after hearing some voices and gets shocked after seeing Doga in seriously injured condition.
We will get to read the further story when will be "Doga Unmat".
Review Doga Nyay
"Doga Nyay" nothing is so special or new in the entire comic. The same meetings of the police to arrest Doga, fraudulently try to arrest Doga, enemy's attack on wounded Doga. Yeah just except one new thing that Doga was totally helpless in front of his enemy. If Lomadi would not come there, then probably the next comic will never published.The story is ordinary, but is worth reading and is growing with good pace.
Artwork is good, just except a few scenes. Overall it’s appreciable.
Dialogues are okay, I'd say neither excellent nor very disappointing. It's fair to say average.
Weak Side of The Comic:
- In the Title Cover, Doga and Lomadi were shown jumping from the buildings. But there is no such scene in the entire comic.
- Someone informs police (probably Nirmulak) that Doga will be in the old telephone exchange. Inspector Teja arrived there with only 6-7 constables to arrest Doga. I would like to remind the readers that the time of the meeting with Commissioner Kamath Inspector Teja demands heavy police force. And Commissioner allows it. In-spite of that Inspector Teja brings only 6-7 constables with him to arrest Doga.
- Doga is injured due to falling from the building. In-spite of this he listens long enough to Nirmulak. And after that Nirmulak attacked only 4 times and Doga reaches to the brink of unconsciousness. In such situation Lomadi defend Doga. Doga is shown either excessively weak or stupid. Here is why I used the word stupid because Doga that time was not in a position to fight. But even knowing it he fights Nirmulak.
- Doga could not stay longer in front of Nirmulak. Let's assume that he was wounded. But Nirmulak was well beaten by Lomadi and she did not give him any chance to attack. It looks odd because Lomadi is not a very skilled fighter, she is just a gymnast.
- "Doga vs Nirmulak" readers would expect an exciting and action-packed clash. But the first collision between Doga and Nirmulak had been settled only in 5 frames. Nirmulak gained the upper hand in 4 frames and Doga has only one frame to show its strength.
Strong Side of The Comic:
- Artwork is good, especially the illustration of Doga and Lomadi.
- Page no 13 to 17 are the best. The conversation between Doga and Nirmulak is very impressive. And the dialogues of both are extremely perfect and powerful.
We will wait for the upcoming part "Doga Unmat".
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डोगा न्याय तो कहीं दिखा नहीं लेकिन डोगा के साथ अन्याय ज़रूर हो गया। निर्मूलक के 4 हाथ पड़ते ही डोगा लुढ़क गया और लोमड़ी को आकर उसे बचाना पड़ा। साथ ही संभलकर जिम तक भी ले जाना पड़ा।
कहानी डोगा न्याय:
दृश्य 1: पुलिस हेडक्वार्टर्स मुंबई, कमिश्नर कमठ का केबिन - एक के बाद एक हो रहे कत्लों के सिलसिले में पुलिस कमिश्नर और इंस्पेक्टर तेजा मीटिंग करते हैं। इंस्पेक्टर तेजा बताता है की क़त्ल होने वाले लोग पुराने अपराधी थे, जोकि अब अपराध छोड़ चुके थे। उन सभी को नए जीवन की शुरुआत करने में युसूफ खान ने आर्थिक मदद की थी। कमिश्नर डोगा को उन सब कत्लों का दोषी मानकर इंस्पेक्टर तेजा को उसे किसी भी हाल में पकड़ने का आदेश देता है। और इस काम के लिए जितनी चाहे पुलिस फ़ोर्स बुलाने की भी मंजूरी देता है।दृश्य 2: मुंबई में कहीं पर - डोगा को एक अपराधी से पूछताछ करने पर पता चलता है की पुरानी टेलीफोन एक्सचेंज में किसी तरह की अपराधिक मीटिंग चल रही है। डोगा पुरानी टेलीफोन एक्सचेंज पहुँचता है और देखता है की लोमड़ी भी वहां मौजूद है। इससे पहले की डोगा और लोमड़ी कुछ जान पाते डोगा को गिरफ्तार करने के मकसद से इंसेप्क्टर तेजा 6-7 हवलदारों के साथ वहां पहुँच जाता है। पुलिस को चकमा देकर डोगा वहां से बच निकलता है लेकिन साथ ही बुरी तरह से घायल भी हो जाता है। तभी डोगा के सामने एक और डोगा आ खड़ा होता है। वह डोगा जो मौजूदा हो रहे कत्लों और युसूफ खान की जन्मदिवस पार्टी के कत्लेआम का जिम्मेदार है। नकली डोगा असली डोगा के सामने अपनी पहचान जाहिर करता है जोकि असल में निर्मूलक है। थोड़ी देर वाद-विवाद के बाद दोनों एक दूसरे से टकरा जाते हैं। घायल डोगा पर निर्मूलक आसानी से काबू पा लेता है। डोगा का अंत बिलकुल सामने था की तभी लोमड़ी भी वहां पहुँच जाती है और निर्मूलक से टकरा जाती है। इतने में पुलिस के साइरेन की आवाज सुन निर्मूलक वहां से भाग जाता है। लोमड़ी डोगा को संभालती है लेकिन डोगा बेहोश हो जाता है।
दृश्य 3: लायन जिम - लोमड़ी बेहोश डोगा को ऐसे तैसे लायन जिम तक ले आती है। वाशरूम में कुछ आवाज सुन कर अदरक चाचा वहां आते है और डोगा को घंभीर रूप से घायल हालत में देख कर चौंक पड़ते हैं।
आगे की कहानी तब पता चलेगी जब होगा "डोगा उन्मत"।
डोगा न्याय:समीक्षा
"डोगा न्याय" पूरी कॉमिक में कुछ भी ख़ास या नया नहीं है, वही डोगा को पकड़ने के लिए पुलिस की मीटिंग्स, धोखे से बुला कर डोगा को गिरफ्तार करने की कोशिश, घायल डोगा पर उसके दुश्मन का हमला। हाँ एक बात नयी है और वो है, डोगा अपने दुश्मन के आगे इतना बेबस की शायद लोमड़ी न होती तो अगली कॉमिक ही न छपती।
कहानी साधारण है लेकिन पढ़ने लायक है और अच्छी गति से आगे बढ़ रही है।
आर्टवर्क शानदार है कुछ एक दृश्यों को छोड़कर, कुलमिलाकर सराहनीय।
संवाद भी ठीक-ठाक हैं। मैं ना तो बहुत ही बढ़िया कहूँगा ना ही निराशाजनक, औसत कहना सही होगा।
कमजोर पक्ष:
- कॉमिक के कवर में डोगा और लोमड़ी को एक साथ इमारतों से कूदते हुए दिखाया गया है, जबकि पूरी कॉमिक में ऐसा कोई भी दृश्य नहीं है।
- पुलिस को कोई (शायद निर्मूलक) टिप देता है की डोगा टेलीफोन एक्सचेंज में होगा। इंस्पेक्टर तेजा केवल 6-7 हवलदारों के साथ डोगा को गिरफ्तार करने आ पहुँचता है। पाठकों को याद दिलाना चाहूंगा की कमिश्नर के साथ मीटिंग के वक़्त इंस्पेक्टर तेजा पुरी फोैज की डिमांड करता है और कमिशनर इसकी इजाज़त भी दे देता है। लेकिन इसके बावजूद इंस्पेक्टर तेजा केवल 6-7 हवलदारों को लेकर डोगा को गिरफ्तार करने के लिए आता है।
- ईमारत से गिरने के कारण डोगा घायल हो जाता है। फिर भी वह काफी देर तक निर्मूलक की बात सुनता है। लेकिन निर्मूलक के केवल 4 वारों से ही डोगा बेहोशी के हालत में पहुँच जाता है। लोमड़ी को आकर डोगा का बचाव करना पड़ता है। डोगा को या तो ज़रूरत से ज्यादा कमजोर और या फिर बेवकूफ दिखाया गया है। मैंने यहाँ पर बेवकूफ शब्द का इस्तेमाल इसलिए किया है क्यूंकि डोगा उस वक़्त लड़ने की स्थिति में नहीं था। यह जानते हुए भी डोगा निर्मूलक से लड़ता है।
- निर्मूलक के आगे डोगा ज्यादा देर टिक नहीं सका। चलो मान लिया की वह घायल था। लेकिन लोमड़ी ने निर्मूलक की अच्छी-खासी पिटाई की और उसे हमला करने का कोई मौका नहीं दिया। यह इसलिए अटपटा लग रहा है क्यूंकि लोमड़ी कोई बहुत कुशल लङाकी नहीं है, वह बस एक जिम्नेस्ट है।
- 'डोगा बनाम निर्मूलक' पाठकों ने एक रोमांचक और एक्शन से भरपूर टकराव की उम्मीद की होगी। लेकिन डोगा और निर्मूलक का पहला टकराव केवल 5 फ्रेम्स में ही निपटा दिया गया। 4 फ्रेम्स में निर्मूलक का पलड़ा भारी रहा और डोगा का ज़ोर केवल 1 फ्रेम में चल सका।
सकारात्मक पक्ष:
- आर्टवर्क अच्छा है, खासकर डोगा और लोमड़ी का चित्रण।
- पृष्ठ 13 से लेकर 17 तक बहुत ही बेहतरीन बने हैं। डोगा और निर्मूलक के बीच बातचीत बहुत प्रभावशाली है। दोनों के संवाद परिपूर्ण एवं दमदार हैं।
इंतजार रहेगा आगामी भाग का जिसमें हो गया है...... "डोगा उन्मत"।
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