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Story - No Men's Land | Balcharit 3


कथा एवं चित्रांकन: अनुपम सिन्हा  |  रंग सज्जा: बसंत पंडा, अभिषेक सिंह एवं सुनील दस्तुरिया 
 स्याहिकार: विनोद कुमार एवं स्वाति चौधरी  |  शब्दांकन: मंदर गंगेले, नीरू
संपादन: मनीष गुप्ता
 भाषा: हिन्दी  |  पृष्ठ: 96  |  मूल्य: रु 90.00 

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Title Cover - No Men's Land


'हन्टर्स' और 'फ्लैशबैक' के बाद "नो मेंस लैंड", बालचरित श्रृंखला का तीसरा भाग 2015 के सेट नंबर 6 में जारी हुआ। नो मेंस लैंड की कहानी को समझने के लिए आपको इस श्रृंखला के पिछले दोनों भागों को पढ़ना होगा। तो आइये कहानी शुरू करते हैं।


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कहानी - नो मेंस लैंड | राज कॉमिक्स:


 नोट:-
पूरी कॉमिक्स में कहीं भी घटनाक्रम किसी भी नाम से या नंबर्स में नहीं दिखाए गए हैं। यहाँ पर दिए गए दृश्य नंबर्स का मकसद केवल पाठकों को घटनाक्रम समझाना है।

दृश्य 1: राजनगर समुन्द्र तट से कुछ दूर मालवाहक जहाज पर - जहाज के कप्तान के हुकम पर नेवी के जवान वक्र को रोकने की कोशिश करते है। लेकिन वक्र जहाज को बम से उड़ा देने की धमकी दे कर उनके हाथ बाँध देता है। ध्रुव के आदेश पर कमांडो फ़ोर्स के तीनो कैडिट्स रेनू, पीटर और करीम, ध्रुव के वहां पहुँचने तक वक्र को उलजाए रखने की कोशिश करते हैं।

दृश्य 2: राजनगर के जंगलों में एक गुप्त स्थान पर - दो नकाबपोश शख्स जिन्होंने जैकब का अपहरण किया था, अब उन्होंने जैकब के बेटे को मोहरा बना कर आपने साथ मिला लिया है। वह अपने प्लान के बारे में बातचीत कर रहे थे की तभी एक अनजान लवाधाधारी वहां आ जाता है और उनका राजफाश कर देता है। वह दोनों नकाबपोश असल में नताशा और उसका सहयोगी विक्टर हैं। जबकि श्वेता लवादाधारी के वेश में है। इस सारे नाटक के बारे में श्वेता के पूछने पर नताशा बताती है की, "हन्टर्स जुपिटर सर्कस के पुराने सामान को खरीदने के लिए मॉरीशस में जैकब को ढूंढ रहे थे। दरअसल उस सामन में एक ऐसा फार्मूला है जो किसी को भी अजेय बना सकता है। इसलिए मैं भी मॉरीशस पहुँच गयी। इससे पहले की जैकब हन्टर्स के हाथ लगता मैं उसे अपहृत कर यहाँ राजनगर ले आई। जैकब से पूछताश चल रही थी इसी बीच उसका वफादार गोरिल्ला किंग और उसकी पट्टियों से ढके चेहरे वाली एक महिला साथी जैकब को छुड़ा ले गए"। 
जवाब में श्वेता कहती है की, "वह पट्टियों से ढके चेहरे वाली औरत मेरी माँ के एक्सीडेंट के लिए जिम्मेदार है और उसके डीएनए से इस बात की पुष्टि हो गयी है की वह ध्रुव की असली माँ है"





दृश्य 3: वक्र के हेलीकाप्टर द्वारा ले जाए जा रहे कंटेनर पर - डॉल्फिन्स की सहायता से ध्रुव कंटेनर तक पहुँच जाता है। ध्रुव और वक्र का आमना सामना होता है, ध्रुव वक्र को कंटेनर ले जाने से रोकने की पूरी कोशिश करता है। लेकिन अदम्य ताकत और अध्भुत शक्तियों का स्वामी वक्र चालाकी से वशीकरण का इस्तेमाल कर ध्रुव के सारे युद्ध कौशल को भूला देता है। अपनी सारी युद्ध कला भूल चुका ध्रुव काफी देर तक वक्र का सामना करता है।

दृश्य 4: रोबो के अड्डे पर - ट्विस्टी नताशा को खबर देती है की रोबो जो की लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर था, अब उसकी सारी बायलॉजिकल एक्टिविटीज़ बंद हो गयी है। यानी रोबो अब इस दुनिया में नहीं रहा। अब कंटेनर हासिल करना नताशा के लिए किसी चुनौती से कम नहीं। ट्विस्टी उपग्रह की मदद से ध्रुव और वक्र की मुठभेड़ पर पूरी नजर रखे हुए है। ध्रुव लड़ाई में कमजोर पड़ रहा है इस बात का पता चलने पर नताशा विक्टर को ध्रुव की मदद करने के लिए भेजती है। इसी बीच नताशा, ट्विस्टी और रोबो-आर्मी फर्नसे में रोबो का अंतिम संस्कार करते हैं। नताशा कसम खाती है की वह रोबो की अस्थियों को गंगा में विसर्जित तभी करेगी जब वह हन्टर्स का नामोनिशान मिटा देगी।

दृश्य 5: ध्रुव और वक्र की मुठभेड़ - अपनी सारी युद्ध विद्या भुला चुका ध्रुव आखिर कब तक वक्र के आगे टिक पाता। वक्र अंत में ध्रुव पर हावी हो जाता है। वह ध्रुव के सीने को तलवार से भेदने ही वाला था की तभी वहां आश्चर्यजनक शक्तियों से उक्त एक अनजान शख्स मूवर आ पहुँचता है। वह वक्र को मुहतोड़ जवाब देता है और उसे हेलीकाप्टर समेत समुद्र में गिरा देता है। उसके बाद वह ध्रुव को वहां से निकाल कर ले जाता है।
मूवर ध्रुव को अस्पताल पहुंचा कर कहीं गायब हो जाता है।

दृश्य 6: सिटी अस्पताल, राजनगर (भाग 1) - डॉक्टर्स ध्रुव को क्लिनिकली डेड घोषित कर देते हैं और ध्रुव ज़िन्दगी और मोैत के बीच की नो मेंस लैंड में पहुँच जाता है। जहाँ बसती हैं उसकी अच्छी-बुरी, भूली-बिसरी और चैतन्य यादें। ध्रुव की यादों की शुरुआत होती है तब से, जब वह अपनी माँ के गर्व में था। वह अपनी गर्भवती माँ पर हुए हमलों की झलकियाँ देखने लगता है। वह देखता है की कैसे पैड-पाइपर नाम के एक शख्स ने उसकी माँ राधा को मारने की कोशिश की और कैसे राधा ने उसका सामना कर उसका अंत किया। 
इसी बीच अस्पताल में, नर्स डॉक्टर के कहती है की अभी-अभी उसने ध्रुव की पलक को फड़कते देखा। डॉक्टर फिर से ध्रुव को सजीव करने की कोशिश में लग जाते हैं।

दृश्य 7: मठेश के घर पर - वक्र तीनो कमांडो कैडिट्स को बंदी बना कर अपने साथ मठेश के घर ले आता है। वक्र मठेश को बताता है की कंटेनर उसने हासिल कर लिया था। लेकिन हमे गलत जानकारी मिली थी, उस कंटेनर के अंदर वो फार्मूला नहीं था। साथ ही वह बताता है की उसने ध्रुव के रक्त में "रक्त चूर्ण" प्रविष्ट कर दिया है। अब ध्रुव को ऐसा आंतरिक रक्त रसाव होगा जिसे कोई भी डॉक्टर रोक नहीं कर सकता।

दृश्य 8: सिटी अस्पताल , राजनगर (भाग 2) - श्वेता ने नताशा से हुई मुलाकात के वक़्त किसी तरह का कोई यन्त्र वहां लगा दिया था जिससे वह नताशा की सारी बातें सुन रही थी। इसी से श्वेता को पता चलता है की ध्रुव गंभीर घायल अवस्था में सिटी अस्पताल मैं है। वहां पहुँच कर श्वेता देखती है की ध्रुव मर चुका है। तभी वहां ब्लैक कैट भी पहुँच जाती है। ब्लैक कैट कहती है की वह हन्टर्स का ठिकाना तो ढूंढ तो लेगी पर उन्हें कोई नुक्सान नहीं पहुंचा पाएगी। इसके लिए उसे काफी आदमी चाहिए होंगे और नताशा के पास पूरी रोबो आर्मी है। तो वह श्वेता से सौदा करती है की, श्वेता नताशा तक ये बात पहुंचाए और बदले में वह श्वेता को ध्रुव की माँ का पता देगी। 
अचानक पल भर के लिए हस्पताल की बिजली कट जाती है, जब बिजली वापस आती है तो नर्स को संजीवनी की एक शीशी और साथ में एक नोट मिलता है। जिस पर लिखा है, "इसे ध्रुव को पिला दो"। यह दवा ध्रुव को पिलाने में डॉक्टर को कोई समस्या नहीं दिखती, क्यूंकि ध्रुव के जिस्म में तो अब वैसे भी जान नहीं है। ब्लैक कैट और श्वेता की नजर उस औरत पर पड़ती है जो ये संजीवनी यहाँ छोड़ कर गयी। ये वही औरत है जिस पर ध्रुव की माँ होने का शक है। दोनों उसे रोकने की कोशिश करती हैं।

दृश्य 9: नो मेंस लैंड (ध्रुव की यादें) - ध्रुव की यादों में जुपिटर सर्कस और उसके माँ-बाप के साथ घटित  सारे दृश्य घूम रहे थे। जहाँ ध्रुव की माँ यानी गर्भवती राधा की देखभाल के लिए एक नर्स को रखा गया था। एक रात जुपिटर सर्कस में ट्रेंड आत्मघाती खरगोशों का हमला होता है। श्याम नर्स को बेसबॉल बैट थमा कर राधा की सुरक्षा का जिम्मा सौंप जाता है। राधा दवाई की वजह से गहरी नींद में है और श्याम बाकी के सर्कस कलाकारों के साथ उस असली हमलावर को पकड़ने की कोशिश कर रहा है, जिसने इन खतरनाक खरगोशों को भेजा है। राधा को अकेला पा कर नर्स अचानक अपने तेवर बदलती है और सोई हुई राधा पर वार करने के लिए उसी बेसबॉल बैट को उठा लेती है। राधा और उसकी मोैत के बीच अब केवल कुछ पल का ही फासला है। 

क्या होगा आगे, ये पता चलेगा बालचरित श्रृंखला के आगामी यानि चौथे भाग "फिनिक्स" में।


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