Story Synopsis of Comics Doga Ansh
Unmulan Series
लेखक: मंदार गंगेले । चित्रांकन: दिलदीप सिंह । स्याहिकार: ईश्वर आर्ट्स, स्वाति चौधरी । रंगसज्जा: शादाब सिददीकि, अभिषेक सिंह । शब्दांकन: मंदार गंगेले । संपादन: मनीष गुप्ता
कोड/क्रम संख्या: SPCL-2601-H । भाषा: हिंदी । पृष्ठ: 32 | मूल्य: रु 40.00
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निर्मूलक अपनी हर चाल में सफल होता जा रहा है और उसे रोकने वाला कोई नहीं। जो रोक सकता है, पूरी मुंबई आज उसके खिलाफ है और शायद ज़िन्दगी भी। लेकिन लोमड़ी ने हार नहीं मानी है और वह निर्मूलक के रस्ते की इस वक़्त सबसे बड़ी अड़चन बनी हुई है। वहीँ दूसरी और शोनाली जान चुकी है नकली डोगा की असलियत और वह जुट गयी है उसका राजफाश करने में। यह है कहानी सार कॉमिक "डोगा अंश" का। आइए जानते हैं कि कहाँ तक पहुंची डोगा उन्मूलन श्रंखला की कहानी और क्या कुछ हुआ डोगा अंश में।
Review Doga Ansh Unmoolan Series Raj Comics
Review Doga Ansh Unmoolan Series Raj Comics
कहानी - डोगा अंश | उन्मूलन श्रृंखला राज कॉमिक्स
कहानी शुरू होती है सूरज की बचपन की एक घटना से।
दृश्य 1: मुंबई कुछ वर्ष पहले - किस्मत की मार झेलते हुए सूरज ऐसे तैसे मेहनत मजदूरी कर के दो वक़्त की रोटी लायक पैसे कमाता है। लेकिन कुछ बदमाश उसके कमाए पैसे छीनने की कोशिश करते हैं। सूरज बड़ी मुश्किल से उन बदमाशों से अपने पैसे बचाता है। भूख से बेहाल सूरज खाने लायक कुछ खरीदने दूकान पर जाता है, लेकिन दुकानदार नोट देखकर मना कर देता है। बदमाशों के साथ हुई छीना-झपटी में सूरज द्वारा कमाया गया वह एकलौता नोट कट-फट गया था। मजबूरी में सूरज एक ब्रेड का पैकेट उठा कर भाग जाता है। लेकिन उसके रास्ते में एक अच्छे भले घर का दिखने वाला उसी की उम्र का एक लड़का आ जाता है। वह सूरज को समझाता है की चोरी करना गलत है और उसे अपने साथ अपने घर ले आता है। उसके पूछने पर सूरज उसे अपना नाम बताता है और वह भी सूरज को बताता है कि उसका नाम अंश है। तभी अचानक अंश के पिता घायल हालत में घर पहुँचते हैं और उनके पीछे पीछे पहुँचता है जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह युसूफ। युसूफ अंश के सामने ही उसके माता-पिता की हत्या कर देता है। वो अंश को भी मार देता लेकिन इससे पहले सूरज युसूफ और उसके आदमियों की आंखों में धूल झोंककर अंश के साथ एक कमरे में खुद को बंद कर लेता है। युसूफ के आदमी रसोई की गैस पाइप काट कर सारे घर को आग लगा देते हैं।
दृश्य 1: मुंबई कुछ वर्ष पहले - किस्मत की मार झेलते हुए सूरज ऐसे तैसे मेहनत मजदूरी कर के दो वक़्त की रोटी लायक पैसे कमाता है। लेकिन कुछ बदमाश उसके कमाए पैसे छीनने की कोशिश करते हैं। सूरज बड़ी मुश्किल से उन बदमाशों से अपने पैसे बचाता है। भूख से बेहाल सूरज खाने लायक कुछ खरीदने दूकान पर जाता है, लेकिन दुकानदार नोट देखकर मना कर देता है। बदमाशों के साथ हुई छीना-झपटी में सूरज द्वारा कमाया गया वह एकलौता नोट कट-फट गया था। मजबूरी में सूरज एक ब्रेड का पैकेट उठा कर भाग जाता है। लेकिन उसके रास्ते में एक अच्छे भले घर का दिखने वाला उसी की उम्र का एक लड़का आ जाता है। वह सूरज को समझाता है की चोरी करना गलत है और उसे अपने साथ अपने घर ले आता है। उसके पूछने पर सूरज उसे अपना नाम बताता है और वह भी सूरज को बताता है कि उसका नाम अंश है। तभी अचानक अंश के पिता घायल हालत में घर पहुँचते हैं और उनके पीछे पीछे पहुँचता है जुर्म की दुनिया का बेताज बादशाह युसूफ। युसूफ अंश के सामने ही उसके माता-पिता की हत्या कर देता है। वो अंश को भी मार देता लेकिन इससे पहले सूरज युसूफ और उसके आदमियों की आंखों में धूल झोंककर अंश के साथ एक कमरे में खुद को बंद कर लेता है। युसूफ के आदमी रसोई की गैस पाइप काट कर सारे घर को आग लगा देते हैं।
दृश्य 2: मुंबई पुलिस मुख्यालय, कमिश्नर कामथ का केबिन - शोहनदास गुप्ता के क़त्ल के सिलसिले में ऊपरी दवाब के चलते कमिश्नर कामथ इंपेक्टर तेजा को छूट दे देता है। उसे बस किसी भी सूरत में डोगा चाहिए, जिन्दा या फिर मुर्दा। इंपेक्टर तेजा को एक शख्स का ख्याल आता है, जो सिर दर्द बन चुके डोगा को पकड़ने में उसकी मदद कर सकता है। एक ऐसा शख्स जो पहले भी डोगा की बराबरी कर, डोगा को मुश्किल में डाल चुका है।
दृश्य 3: मुंबई एक अज्ञात जगह - युसूफ और उसका सहयोगी किसी तरह के सौदे की बात कर रहे हैं। युसूफ के सहयोगी का कहना है की यह सौदा उनकी आर्गेनाईजेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जबकि युसूफ ने इस सौदे को लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इसे स्वीकृति नहीं देगा। वहीँ बैठा निर्मूलक भी अपनी बात रखता है और कहता है की उसे नहीं मालूम यह सौदा आर्गेनाईजेशन के लिए फायदेमंद है या नहीं। लेकिन डोगा का भविष्य निर्धारित करने के लिए ये सौदा हमारे बहुत काम आएगा। और यह सौदा करने मैं खुद जाऊँगा, लेकिन उससे पहले मुझे कुछ और ज़रूरी काम पूरे करने हैं।
दृश्य 4: मुंबई में कहीं पर - हाल ही में हुए कत्लों और ताज़ा तरीन शोहन दास गुप्ता के क़त्ल पर एक टीवी पत्रकार जनता की राय ले रही है. हर कोई डोगा के खिलाफ हो चुका है लेकिन इन सब के बीच एक ऐसी लड़की भी है, जिसका डोगा पर विश्वास अब भी बरकरार है। और वह लड़की है शोनाली, वह टीवी पर यह बयान देती है की "शोहनदास का क़त्ल करने वाला बेशक डोगा की ही तरह दिखता था, पर वह डोगा नहीं बल्कि डोगा के वेश में कोई बहरूपिया था। और उस बेहरूोपए की असलियत मैं देख चुकी हूँ। मैं उसे डोगा से लड़ते हुए देख चुकी हूँ और उसके किये को उसी के मुंह से कबूल करते हुए सुन भी चुकी हूँ"। इस बयान के बाद शोनाली अपने घर पर डोगा पर रिसर्च कर रही है। वह उस सच्चाई को जानकार लोगों के सामने लाना चाहती है, की आखिर क्यों एक इन्सान को डोगा बनना पड़ा। उसका सोचना है कि डोगा की इस सच्चाई को जानकार लोग उसका विरोध छोड़ उसका साथ देंगे। तभी अचानक लोमड़ी वहां आ पहुँचती है और शोनाली को आगाह करती है। लोमड़ी शोनाली से कहती है की आज के उसके इस बयान की बजह से डोगा का भला हो या न हो लेकिन उसका नुक्सान ज़रूर हो सकता है। शोनाली उसकी बात नहीं मानती और वह पुलिस को कॉल करने की लिए फ़ोन उठती है। लेकिन वक़्त रहते लोमड़ी वहां से निकल जाती है। शोनाली खिड़की बंद करने जाती है की तभी उसके सामने डोगा आ जाता है। शोनाली उसे पहचान लेती है की वह डोगा नहीं बल्कि वही बहरूपिया है। निर्मूलक डोगा का मास्क निकल कर शोनाली को अपनी असली सूरत दिखता है और अपना नाम भी बताता है। वह शोनाली के दोने हाथों पर चाकू से वार करता है और शोनाली को घायल कर देता है। तभी लोमड़ी शोनाली की मदद करने वहां वापस आ पहुंचती है।
आगे की कहानी जारी रहेगी भाग -6 यानि "डोगा ध्वस्त" में।
Must read:
Story Doga Dhwast | Doga Unmoolan -6 Raj Comics
दृश्य 3: मुंबई एक अज्ञात जगह - युसूफ और उसका सहयोगी किसी तरह के सौदे की बात कर रहे हैं। युसूफ के सहयोगी का कहना है की यह सौदा उनकी आर्गेनाईजेशन के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। जबकि युसूफ ने इस सौदे को लेकर यह स्पष्ट कर दिया है कि वह इसे स्वीकृति नहीं देगा। वहीँ बैठा निर्मूलक भी अपनी बात रखता है और कहता है की उसे नहीं मालूम यह सौदा आर्गेनाईजेशन के लिए फायदेमंद है या नहीं। लेकिन डोगा का भविष्य निर्धारित करने के लिए ये सौदा हमारे बहुत काम आएगा। और यह सौदा करने मैं खुद जाऊँगा, लेकिन उससे पहले मुझे कुछ और ज़रूरी काम पूरे करने हैं।
दृश्य 4: मुंबई में कहीं पर - हाल ही में हुए कत्लों और ताज़ा तरीन शोहन दास गुप्ता के क़त्ल पर एक टीवी पत्रकार जनता की राय ले रही है. हर कोई डोगा के खिलाफ हो चुका है लेकिन इन सब के बीच एक ऐसी लड़की भी है, जिसका डोगा पर विश्वास अब भी बरकरार है। और वह लड़की है शोनाली, वह टीवी पर यह बयान देती है की "शोहनदास का क़त्ल करने वाला बेशक डोगा की ही तरह दिखता था, पर वह डोगा नहीं बल्कि डोगा के वेश में कोई बहरूपिया था। और उस बेहरूोपए की असलियत मैं देख चुकी हूँ। मैं उसे डोगा से लड़ते हुए देख चुकी हूँ और उसके किये को उसी के मुंह से कबूल करते हुए सुन भी चुकी हूँ"। इस बयान के बाद शोनाली अपने घर पर डोगा पर रिसर्च कर रही है। वह उस सच्चाई को जानकार लोगों के सामने लाना चाहती है, की आखिर क्यों एक इन्सान को डोगा बनना पड़ा। उसका सोचना है कि डोगा की इस सच्चाई को जानकार लोग उसका विरोध छोड़ उसका साथ देंगे। तभी अचानक लोमड़ी वहां आ पहुँचती है और शोनाली को आगाह करती है। लोमड़ी शोनाली से कहती है की आज के उसके इस बयान की बजह से डोगा का भला हो या न हो लेकिन उसका नुक्सान ज़रूर हो सकता है। शोनाली उसकी बात नहीं मानती और वह पुलिस को कॉल करने की लिए फ़ोन उठती है। लेकिन वक़्त रहते लोमड़ी वहां से निकल जाती है। शोनाली खिड़की बंद करने जाती है की तभी उसके सामने डोगा आ जाता है। शोनाली उसे पहचान लेती है की वह डोगा नहीं बल्कि वही बहरूपिया है। निर्मूलक डोगा का मास्क निकल कर शोनाली को अपनी असली सूरत दिखता है और अपना नाम भी बताता है। वह शोनाली के दोने हाथों पर चाकू से वार करता है और शोनाली को घायल कर देता है। तभी लोमड़ी शोनाली की मदद करने वहां वापस आ पहुंचती है।
आगे की कहानी जारी रहेगी भाग -6 यानि "डोगा ध्वस्त" में।
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Story Doga Dhwast | Doga Unmoolan -6 Raj Comics
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बहुत अच्छा किया हिदी में लिखा सिर्फ
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