निर्मूलक अपने अभियान के अंतिम पड़ाव पर जा पहुंचा है, और उसका यह अभियान है अपराध और डोगा का समूल उन्मूलन। लेकिन अब उसे रोकने के लिए मुम्बई का बाप डोगा भी बेहोशी के हालत से बाहर आ चुका है। दूसरी और, युसूफ के सामने निर्मूलक का पर्दाफाश हो गया है और अब युसूफ उसकी असलियत जान गया है।
डोगा उन्मूलन श्रृंखला लगभग समाप्ति की ओर है, अब बचा है केवल एक अंतिम और निर्णायक अध्याय। डोगा उन्मूलन श्रृंखला की कहानी इस भाग में और भी रोचक हो गयी है, क्योंकि डोगा मैदान में वापस आ पहुंचा है। निर्मूलक क्रांति के कौन से पहलु बढ़िया और अच्छे रहे एवं किन बातों ने पाठकों को निराश किया, इसके बारे में हम जल्द ही विस्तारपुर्वक चर्चा करेंगे निर्मूलक क्रांति की समीक्षा में। फिलहाल हम बात कर रहे हैं इसकी कहानी की।
आइए जानते हैं कि कहाँ तक पहुंची डोगा उन्मूलन श्रंखला की कहानी और देखें क्या कुछ हुआ कॉमिक "निर्मूलक क्रांति" में।
नोट:- पूरी कॉमिक्स में कहीं भी घटनाक्रम क्रमवार नहीं दिखाए गए हैं, यहाँ पर दिखाए गए दृश्य नंबर्स का उद्देश्य केवल पाठकों को कहानी समझाना है।
दृश्य 1 - मुंबई कुछ महीने पहले:
मुंबई में कहीं पर माइनिंग का काम चल रहा है। इंजीनियर काम के खतरे को देखते हुए काम रोकने की इजाजत मांगता है, लेकिन पांडे खतरे को नजरअंदाज कर काम जारी रखने को कहता है।
दृश्य 2 - कुछ दिनों बाद:
युसूफ पांडे से उसकी इस बड़ी गलती का जवाब मांगता है। पांडे की इंजीनियर की बात को नजरअंदाज करने की गलती, जिसकी वजह से माइन में एक बड़ा हादसा हुआ। और इस हादसे से उनकी कंपनी की साख ख़राब हुई। जवाब में पांडे अपनी गलती स्वीकार करता है और युसूफ को एक प्रोजेक्ट के बारे में बताता ही, जो उनकी बंद पड़ी साइट्स को दुबारा शुरू करवा सकता है।
दृश्य 3 - मुंबई, वर्तमान समय:
अपनी कार से टकराई मोनिका को देख इंसपेक्टर तेजा उसे पेहचान लेता है। तेजा फ़ोन पर चीता को इस एक्सीडेंट के बारे में बताता है और संजीवनी हस्पताल पहुँचने को कहता है। मोनिका को हस्पताल ले जाते वक़्त रास्ते में तेजा को वायरलेस पर किसी अन्य अजेबोगरीब पोशाक वाली लड़की (शोनाली लोमड़ी के वेश में) की कार में बेहोश पड़े मिलने की ख़बर मिलती है। ये जगह रास्ते में ही है, तेजा घटनास्थल पर रुकता है। तभी चीता भी वहां आ पहुँचता है। चीता मोनिका और लोमडी दोनों को अलग अलग देख कर हैरान है, क्योंकि वह जानता है कि मोनिका ही लोमड़ी है। अन्य पुलिसकर्मी शोनाली को हस्पताल ले जाते है, जोकि लोमडी के वेश में है और तेजा एवं चीत मोनिका को अलग से हस्पताल ले जाते हैं। चीता अदरक चाचा को फ़ोन पर इस एक्सीडेंट के बारे में बताता है। लेकिन सूरज हस्पताल जाने से मना कर देता है। वह कहता है की मोनिका की देखभाल के लिए आप सब हैं, और मुझे अभी कोई और जरूरी काम निपटाना है।
दृश्य 4 - मुंबई कई वर्ष पहले (भाग 1) :
मालगाड़ी के अंदर से आई अंश की चीख सुनकर लकड़ और उसके बदमाश साथी चीखने वाले को ढूंढने लगते हैं। लकड़ को जब अंदर कुछ नहीं मिलता, तो वह वहां पड़े भूसे के ढेर में आग लगा देता है। तभी भूसे के ढेर से अंश और सूरज बाहर निकले हैं, जोकि वहां छुपे हुए थे। अंश के गुस्से और उसकी निडरता को देख लकड़ को अपना बचपन याद आ जाता है और वह दोनों को मौत के घाट उतरने की वजाय अपने साथ अपने अड्डे पर ले जाता है।
दृश्य 5 - गोरेगांव पुलिस स्टेशन, मुम्बई, वर्त्तमान समय:
इंसपेक्टर तेजा शोनाली से पूछताश करता है। सोनाली बताती है कि निर्मूलक ने मेरे ही घर में मुझपर हमला किया, तब एक अजीबगरीब पोशाकधारी लड़की ने मुझे उससे बचाया। मेरे वहां से भागने के बाद रास्ते में मैने उसी लड़की को निर्मूलक से लड़ते हुए देखा। और मैंने उस लड़की की मदद की, लेकिन उस लड़की ने मुझे बेहोश कर मुझे अपने कपड़े पहने दिए। और मुझे नहीं पता की क्यूँ। लेकिन तेजा उसकी बात का यकीन नहीं करता। कुछ ही देर में शोनाली की बहन राजनी वहाँ आ पहुँचती है और शोनाली को वहां से ले जाती है।
दृश्य 6 - मुंबई कई वर्ष पहले (भाग 2) :
लकड़ अंश और सूरज को अपने बार में काम पर लगा देता है। बार में काम करने वाली लड़की राधिका से कुछ लोग बदतमीजी करते हैं। उस लड़की का चेहरा अंश की माँ से मिलता जुलता था, और अंश उसमें अपनी माँ की झलक देखता था। अंश से ये सब बर्दाश नहीं होता और वह उस आदमी के सिर पर बोतल दे मारता है। इतने में लकड़ भी वहां आ पहुंचता है और सब संभाल लेता है। अंश की इस निडरता को देख लकड का झुकाब उसकी तरफ़ और भी अधिक बढ़ जाता है। अंश लकड़ के सहारे अपने माता पिता के कातिल युसूफ से बदला लेने की ठान चुका था। अपनी इस बदले की चाहत में अंश अपराध के दलदल में धंसता जा रहा था। लेकिन एक दिन अचानक लकड़ का अपना ही साथी पपन्न उसपर हमला कर देता है और इसमें उसका साथ देती है राधिका।
दृश्य 7 - संजीवनी हस्पताल, मुम्बई, वर्तमान समय:
मोनिका हस्पताल में एडमिट है और चीता मोनिका और लोमड़ी की गुथी में उलझा हुआ है। तभी घबराए हुए अदरक चाचा वहाँ आ पहुँचते हैं। चीता उन्हें बताता है कि डॉक्टर्स के अनुसार मोनिका की हालत ठीक है, और वह सदमे के कारण बेहोश है। सूरज के बारे में पूछने पर अदरक चाचा रिश्तों की बचाने के लिए चीता से झूठ बोल देते है, की सूरज होश में तो आ गया है लेकिन वह अभी कहीं आने जाने की हालत में नहीं है।
दृश्य 8 - मुंबई, वर्तमान समय, यूसुफ का घर (भाग -1)
डोगा युसूफ के घर पहुंचता है और उसे लॉकेट दिखा कर उसकी करनी का परिणाम और निर्मूलक की असलियत बताता है। वह युसूफ को बताता है कि कैसे उसने अंश के माता-पिता को मार कर निर्मूलक को जन्म दिया, जोकि उसकी मौजूदा हालत और उसके बेटे की मौत का कारण बना। डोगा युसूफ से कहता है की वह अपने बेटे की मौत का जिमेदार ख़ुद ही है और उससे निर्मूलक का पता पूछता है। लेकिन तभी युसूफ के जन्मदिवस पर हुए क़त्ल-ऐ-आम के छानबीन के सिलसिले में इंस्पेक्टर तेजा भी वहां आ पहुँचता है। तेजा डोगा को देख उसे गिरफ्तार करने की कोशिश करता है। लेकिन डोगा एक बार फिर से तेजा को चकमा देकर वहां से भाग निकलता है।
दृश्य 9 - मुंबई, वर्तमान समय, गृह मंत्री शिवरे का धारा नगरी दौरा:
गृह मंत्री शिवरे अपनी बीमार माँ से मिलने धारा नगरी आये हैं, जोकि वहीँ पर रहती है। तभी न्यूज़ चैनल पर लाइव प्रसारण शुरू होता है, जहाँ डोगा जनता को सम्भोदित करता है। इस लाइव प्रसारण में वह अपना डोगा का मास्क उतार देता है और बताता है कि वह डोगा नहीं निर्मूलक है। और उसका मकसद उसका अभियान है, मुबई से अपराध और डोगा का समूल उन्मूलन। पिछले कुछ दिनों में हुए कत्लों का जिम्मा निर्मूलक अपने सर ले लेता, वह इकरार करता है कि ये सारे कत्ल उसने डोगा का वेश धर कर लिए थे। निर्मूलक अपना सम्भोदन जारी रखता है और कहता है की, मुंबई में अपराध की जड़ का पोषण करने वाली धरती है, धारा नगरी। एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया, जहाँ लाखों बेघरों को घर दिया गया है। एशिया का ये सबसे बड़ा स्लम भारत के माथे पर एक बदनुमा दाग है। क्योंकि मुंबई में अपराध यहीं से पनपना शुरू होता है, और धीरे धीरे करके एक दिन विशाल वृक्ष बन जाता है। और अगर मुबई को अपराध मुक्त बनाना है, तो धारा नगरी को दुनिया के नक़्शे से मिटाना होगा। इस कार्य में गेहूं के साथ साथ धुन भी पिसेगा, लेकिन क्रांति बलिदान मांगती है और निर्मूलक क्रान्ति की शुरुआत होती है अब।
दृश्य 10 - मुंबई, वर्तमान समय, यूसुफ का घर (भाग -2):
डोगा के तेजा को चकमा देकर भागने का बाद इंस्पेक्टर तेजा युसूफ से पूछता है की उसने डोगा को क्यों नहीं रोका, क्या उसने समीर के क़त्ल के लिए डोगा को माफ़ कर दिया? जवाब में युसूफ उसे पांडे, निर्मूलक और जीरो जी की मिलीभगत, उसके साथ हुए डबल क्रॉस और पांडे द्वारा निर्मूलक और जीरो जी के बीच करवाई गयी डील के बारे मैं बता देता है। साथ ही युसूफ बताता है की निर्मूलक जल्दी ही कुछ बड़ा और खतरनाक करने वाला है। लेकिन क्या पता नहीं। तभी इंस्पेक्टर तेजा को किसी का फ़ोन आता है और वह यह कहकर वहां से चला जाता है कि जल्द ही वह युसूफ को गिरफ्तार करने वापस आएगा।
दृश्य 11 - मुंबई, वर्तमान समय, धारा नगरी:
निर्मूलक के न्यूज़ चैनल पर इस लाइव प्रसारण के अंत के साथ ही कुछ ड्रिलिंग रोबोट्स धारा नगरी को तहस नहस करना शुरू कर देते हैं। इसी के साथ शुरु होती है, निर्मूलक क्रान्ति।
कहानी जारी रहेगी श्रृंखला के आठवें और निर्णायक भाग "डोगा अस्त" में।
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Story Synopsis of Comics Nirmulak Kranti from Doga Unmoolan Series
लेखक: मंदार गंगेले । चित्रांकन: दिलदीप सिंह, गौरव श्रीवास्तव, सुशांत पंडा, तादम । स्याहिकार: विनोद कुमार । रंगसज्जा: भक्त रंजन, प्रसाद पटनायक । शब्दांकन: मंदार गंगेले । संपादन: मनीष गुप्ता
कोड/क्रम संख्या: SPCL-2612-H । भाषा: हिंदी । पृष्ठ: 64 | मूल्य: रु 60.00
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My Ratings: 3.5/5 RC Official Rating: N/A
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कहानी: निर्मूलक क्रांति | डोगा उन्मूलन 7 | राज कॉमिक्स
डोगा उन्मूलन श्रृंखला लगभग समाप्ति की ओर है, अब बचा है केवल एक अंतिम और निर्णायक अध्याय। डोगा उन्मूलन श्रृंखला की कहानी इस भाग में और भी रोचक हो गयी है, क्योंकि डोगा मैदान में वापस आ पहुंचा है। निर्मूलक क्रांति के कौन से पहलु बढ़िया और अच्छे रहे एवं किन बातों ने पाठकों को निराश किया, इसके बारे में हम जल्द ही विस्तारपुर्वक चर्चा करेंगे निर्मूलक क्रांति की समीक्षा में। फिलहाल हम बात कर रहे हैं इसकी कहानी की।
आइए जानते हैं कि कहाँ तक पहुंची डोगा उन्मूलन श्रंखला की कहानी और देखें क्या कुछ हुआ कॉमिक "निर्मूलक क्रांति" में।
नोट:- पूरी कॉमिक्स में कहीं भी घटनाक्रम क्रमवार नहीं दिखाए गए हैं, यहाँ पर दिखाए गए दृश्य नंबर्स का उद्देश्य केवल पाठकों को कहानी समझाना है।
दृश्य 1 - मुंबई कुछ महीने पहले:
मुंबई में कहीं पर माइनिंग का काम चल रहा है। इंजीनियर काम के खतरे को देखते हुए काम रोकने की इजाजत मांगता है, लेकिन पांडे खतरे को नजरअंदाज कर काम जारी रखने को कहता है।
दृश्य 2 - कुछ दिनों बाद:
युसूफ पांडे से उसकी इस बड़ी गलती का जवाब मांगता है। पांडे की इंजीनियर की बात को नजरअंदाज करने की गलती, जिसकी वजह से माइन में एक बड़ा हादसा हुआ। और इस हादसे से उनकी कंपनी की साख ख़राब हुई। जवाब में पांडे अपनी गलती स्वीकार करता है और युसूफ को एक प्रोजेक्ट के बारे में बताता ही, जो उनकी बंद पड़ी साइट्स को दुबारा शुरू करवा सकता है।
दृश्य 3 - मुंबई, वर्तमान समय:
अपनी कार से टकराई मोनिका को देख इंसपेक्टर तेजा उसे पेहचान लेता है। तेजा फ़ोन पर चीता को इस एक्सीडेंट के बारे में बताता है और संजीवनी हस्पताल पहुँचने को कहता है। मोनिका को हस्पताल ले जाते वक़्त रास्ते में तेजा को वायरलेस पर किसी अन्य अजेबोगरीब पोशाक वाली लड़की (शोनाली लोमड़ी के वेश में) की कार में बेहोश पड़े मिलने की ख़बर मिलती है। ये जगह रास्ते में ही है, तेजा घटनास्थल पर रुकता है। तभी चीता भी वहां आ पहुँचता है। चीता मोनिका और लोमडी दोनों को अलग अलग देख कर हैरान है, क्योंकि वह जानता है कि मोनिका ही लोमड़ी है। अन्य पुलिसकर्मी शोनाली को हस्पताल ले जाते है, जोकि लोमडी के वेश में है और तेजा एवं चीत मोनिका को अलग से हस्पताल ले जाते हैं। चीता अदरक चाचा को फ़ोन पर इस एक्सीडेंट के बारे में बताता है। लेकिन सूरज हस्पताल जाने से मना कर देता है। वह कहता है की मोनिका की देखभाल के लिए आप सब हैं, और मुझे अभी कोई और जरूरी काम निपटाना है।
दृश्य 4 - मुंबई कई वर्ष पहले (भाग 1) :
मालगाड़ी के अंदर से आई अंश की चीख सुनकर लकड़ और उसके बदमाश साथी चीखने वाले को ढूंढने लगते हैं। लकड़ को जब अंदर कुछ नहीं मिलता, तो वह वहां पड़े भूसे के ढेर में आग लगा देता है। तभी भूसे के ढेर से अंश और सूरज बाहर निकले हैं, जोकि वहां छुपे हुए थे। अंश के गुस्से और उसकी निडरता को देख लकड़ को अपना बचपन याद आ जाता है और वह दोनों को मौत के घाट उतरने की वजाय अपने साथ अपने अड्डे पर ले जाता है।
दृश्य 5 - गोरेगांव पुलिस स्टेशन, मुम्बई, वर्त्तमान समय:
इंसपेक्टर तेजा शोनाली से पूछताश करता है। सोनाली बताती है कि निर्मूलक ने मेरे ही घर में मुझपर हमला किया, तब एक अजीबगरीब पोशाकधारी लड़की ने मुझे उससे बचाया। मेरे वहां से भागने के बाद रास्ते में मैने उसी लड़की को निर्मूलक से लड़ते हुए देखा। और मैंने उस लड़की की मदद की, लेकिन उस लड़की ने मुझे बेहोश कर मुझे अपने कपड़े पहने दिए। और मुझे नहीं पता की क्यूँ। लेकिन तेजा उसकी बात का यकीन नहीं करता। कुछ ही देर में शोनाली की बहन राजनी वहाँ आ पहुँचती है और शोनाली को वहां से ले जाती है।
दृश्य 6 - मुंबई कई वर्ष पहले (भाग 2) :
लकड़ अंश और सूरज को अपने बार में काम पर लगा देता है। बार में काम करने वाली लड़की राधिका से कुछ लोग बदतमीजी करते हैं। उस लड़की का चेहरा अंश की माँ से मिलता जुलता था, और अंश उसमें अपनी माँ की झलक देखता था। अंश से ये सब बर्दाश नहीं होता और वह उस आदमी के सिर पर बोतल दे मारता है। इतने में लकड़ भी वहां आ पहुंचता है और सब संभाल लेता है। अंश की इस निडरता को देख लकड का झुकाब उसकी तरफ़ और भी अधिक बढ़ जाता है। अंश लकड़ के सहारे अपने माता पिता के कातिल युसूफ से बदला लेने की ठान चुका था। अपनी इस बदले की चाहत में अंश अपराध के दलदल में धंसता जा रहा था। लेकिन एक दिन अचानक लकड़ का अपना ही साथी पपन्न उसपर हमला कर देता है और इसमें उसका साथ देती है राधिका।
दृश्य 7 - संजीवनी हस्पताल, मुम्बई, वर्तमान समय:
मोनिका हस्पताल में एडमिट है और चीता मोनिका और लोमड़ी की गुथी में उलझा हुआ है। तभी घबराए हुए अदरक चाचा वहाँ आ पहुँचते हैं। चीता उन्हें बताता है कि डॉक्टर्स के अनुसार मोनिका की हालत ठीक है, और वह सदमे के कारण बेहोश है। सूरज के बारे में पूछने पर अदरक चाचा रिश्तों की बचाने के लिए चीता से झूठ बोल देते है, की सूरज होश में तो आ गया है लेकिन वह अभी कहीं आने जाने की हालत में नहीं है।
दृश्य 8 - मुंबई, वर्तमान समय, यूसुफ का घर (भाग -1)
डोगा युसूफ के घर पहुंचता है और उसे लॉकेट दिखा कर उसकी करनी का परिणाम और निर्मूलक की असलियत बताता है। वह युसूफ को बताता है कि कैसे उसने अंश के माता-पिता को मार कर निर्मूलक को जन्म दिया, जोकि उसकी मौजूदा हालत और उसके बेटे की मौत का कारण बना। डोगा युसूफ से कहता है की वह अपने बेटे की मौत का जिमेदार ख़ुद ही है और उससे निर्मूलक का पता पूछता है। लेकिन तभी युसूफ के जन्मदिवस पर हुए क़त्ल-ऐ-आम के छानबीन के सिलसिले में इंस्पेक्टर तेजा भी वहां आ पहुँचता है। तेजा डोगा को देख उसे गिरफ्तार करने की कोशिश करता है। लेकिन डोगा एक बार फिर से तेजा को चकमा देकर वहां से भाग निकलता है।
दृश्य 9 - मुंबई, वर्तमान समय, गृह मंत्री शिवरे का धारा नगरी दौरा:
गृह मंत्री शिवरे अपनी बीमार माँ से मिलने धारा नगरी आये हैं, जोकि वहीँ पर रहती है। तभी न्यूज़ चैनल पर लाइव प्रसारण शुरू होता है, जहाँ डोगा जनता को सम्भोदित करता है। इस लाइव प्रसारण में वह अपना डोगा का मास्क उतार देता है और बताता है कि वह डोगा नहीं निर्मूलक है। और उसका मकसद उसका अभियान है, मुबई से अपराध और डोगा का समूल उन्मूलन। पिछले कुछ दिनों में हुए कत्लों का जिम्मा निर्मूलक अपने सर ले लेता, वह इकरार करता है कि ये सारे कत्ल उसने डोगा का वेश धर कर लिए थे। निर्मूलक अपना सम्भोदन जारी रखता है और कहता है की, मुंबई में अपराध की जड़ का पोषण करने वाली धरती है, धारा नगरी। एशिया का सबसे बड़ा स्लम एरिया, जहाँ लाखों बेघरों को घर दिया गया है। एशिया का ये सबसे बड़ा स्लम भारत के माथे पर एक बदनुमा दाग है। क्योंकि मुंबई में अपराध यहीं से पनपना शुरू होता है, और धीरे धीरे करके एक दिन विशाल वृक्ष बन जाता है। और अगर मुबई को अपराध मुक्त बनाना है, तो धारा नगरी को दुनिया के नक़्शे से मिटाना होगा। इस कार्य में गेहूं के साथ साथ धुन भी पिसेगा, लेकिन क्रांति बलिदान मांगती है और निर्मूलक क्रान्ति की शुरुआत होती है अब।
दृश्य 10 - मुंबई, वर्तमान समय, यूसुफ का घर (भाग -2):
डोगा के तेजा को चकमा देकर भागने का बाद इंस्पेक्टर तेजा युसूफ से पूछता है की उसने डोगा को क्यों नहीं रोका, क्या उसने समीर के क़त्ल के लिए डोगा को माफ़ कर दिया? जवाब में युसूफ उसे पांडे, निर्मूलक और जीरो जी की मिलीभगत, उसके साथ हुए डबल क्रॉस और पांडे द्वारा निर्मूलक और जीरो जी के बीच करवाई गयी डील के बारे मैं बता देता है। साथ ही युसूफ बताता है की निर्मूलक जल्दी ही कुछ बड़ा और खतरनाक करने वाला है। लेकिन क्या पता नहीं। तभी इंस्पेक्टर तेजा को किसी का फ़ोन आता है और वह यह कहकर वहां से चला जाता है कि जल्द ही वह युसूफ को गिरफ्तार करने वापस आएगा।
दृश्य 11 - मुंबई, वर्तमान समय, धारा नगरी:
निर्मूलक के न्यूज़ चैनल पर इस लाइव प्रसारण के अंत के साथ ही कुछ ड्रिलिंग रोबोट्स धारा नगरी को तहस नहस करना शुरू कर देते हैं। इसी के साथ शुरु होती है, निर्मूलक क्रान्ति।
कहानी जारी रहेगी श्रृंखला के आठवें और निर्णायक भाग "डोगा अस्त" में।
दोस्तों, आपको कॉमिक और कहानी कैसी लगी? ऊपर दिए गए रेटिंग स्केल का उपयोग कर इस कॉमिक को रेट करें। साथ ही अपनी बहुमूल्य प्रतिक्रिया भी कमेंट्स के रूप में ज़रूर दें।
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